क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग? (What Is Intermittent Fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रकार का ऐसा ईटिंग प्लान है, जिसमें पूरे दिन में एक फिक्स टाइम पर खाना खाया जाता है और बाकी के वक्त फास्टिंग की जाती है। इसका सबसे लोकप्रिय तरीका जिसमें व्यक्ति 8-16 घंटें की फास्टिंग करता है। इस तरह वह 8 या 16 घंटे के बाद ही खाना खाता है और फास्टिंग के दौरान आप कुछ सॉलिड नहीं ले सकते हैं। इस तरह का डाइट प्लान फॉलो करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि जब 2 मील के बीच गैप अधिक हो तो इससे शरीर कैलोरी और फैट को तेजी से बर्न (fat burning) करता है जिससे वेट लॉस करने में सहायता होती है।कई लोग यह साइकिल डेली दोहराते हैं और कई लोग एक दिन छोड़कर एक दिन इसे फॉलो करते हैं।
बढ़ता है हृदय रोग का खतरा (Risk of heart disease increases)
स्टडी के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले 92% प्रतिशत लोगों में हृदय रोग से मौत का खतरा बढ़ता है, हालांकि स्टडी में पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसमें जिन लोगों का डाटा इस्तेमाल किया गया है उन्होंने कितने समय और कितने तरीकों से इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो किया है.
रिसर्च क्या कहता है? (What research says about Intermittent Fasting)
एक रिसर्च रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हार्ट डिजिज और उसकी वजह से मौत का रिस्क बढ़ सकता है।
शिकागो (Chicago) में जारी एक रिसर्च रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी कि दिन में 8 घंटें तक भूखे (fasting for 8 hours) रहने से लोगों में हार्ट डिजिज की वजह से मौत का खतरा 91% बढ़ सकता है। वहीं, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) ने इस रिपोर्ट की एक समरी भी पेश की है।
बता दें कि स्टडी का अभी केवल एक एब्सट्रैक्ट पेश किया गया है. फिलहाल पूरी स्टडी अभी सामने नहीं आई है.